शनिवार, 17 मार्च 2012

बजट पर विशेष.. भाग -4 विशेषज्ञों की टिप्पणी....



लघु व मझोले उद्यमों के लिए 5,000 करोड़
  • फिक्की के अध्यक्ष आर वी कनोड़िया ने कहा कि इस बजट से अर्थव्यवस्था की रफ्तार नहीं बढ़ने वाली। वहीं सीआईआई के अध्यक्ष बी मुत्तुरमन ने कहा कि वह और अधिक की उम्मीद कर रहे थे और उत्पाद शुल्क आधारित प्रस्तावों से दाम और चढ़ेंगे। मुत्तुरमन ने कहा कि राजकोषीय घाटे को कम करने के कदम से अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
  • सी के बिड़ला समूह के सिद्धार्थ बिड़ला ने कहा कि इस बजट ने मौका गंवा दिया। बायोकान की चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक किरण मजूमदार शॉ ने आशंका जताई कि बजट मुद्रास्फीतिक दबाव बढ़ाने वाला साबित होगा।
  • जे के समूह के हर्षपति सिंघानिया ने इसी तरह की राय जाहिर करते हुए कहा कि उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी से महंगाई बढ़ेगी। नकदी की कमी से जूझ रही सरकार ने 2012-13 में 45,940 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अप्रत्यक्ष कर जुटाने का प्रस्ताव किया है। यह प्रस्ताव ऐसे समय किया गया है जब उद्योग जगत पहले से मांग की कमी से जूझ रहा है।
  • गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज ने कहा कि घाटा अभी भी काफी ऊंचा है जो निराशाजनक है। अंतिम उपभोक्ता के लिए चीजें महंगी होंगी।
  • एसोचैम के अध्यक्ष आर एन धूत ने कहा कि वह आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये किए जाने की उम्मीद कर रहे थे। ऐसा नहीं हुआ, जो निराशाजनक है।
  • हालांकि, उद्योग जगत ने बजट में कुछ कदमों मसलन ब्राह्य वाणिज्यिक उधारी नियमों में ढील और विशेष कर बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन का स्वागत किया है।
  • प्रमुख उद्योगपति राहुल बजाज ने कहा कि कुल मिलाकर बजट कमजोर तबके के लिच् अच्छा है, लेकिन यह उद्योग और कारपोरेट क्षेत्र की दृष्टि से नकारात्मक बजट है।
  • आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर ने कहा कि बजट व्यावहारिक और विश्वसनीय है। कोचर ने कहा कि उधारी बाजार उम्मीदों से अधिक है। सब्सिडी को कम करना, देखना होगा कि यह कैसे किया जाएगा। मुझे नहीं लगता कि भारतीय रिजर्व बैंक अप्रैल में ब्याज दराें में कमी करेगा।
  • कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने बजट की कड़ी आलोचना करते हुए इसे महंगाई बढ़ाने वाला दस्तावेज बताया है जो आम आदमी की कमर तोड़ देगा। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने संयुक्त बयान में कहा कि सेवा कर और उत्पाद शुल्क को 10 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत किए जाने से हर चीज महंगी हो जाएगी। उत्पाद और सीमा शुल्क में बढ़ोतरी का मुद्रास्फीतिक असर पड़ेगा।
  • रिलायंस कैपिटल की मुख्य निवेश रणनीतिकार मधु केला ने कहा कि बजट में ने तो किसी तरह का नकारात्मक और न ही सकारात्मक आश्चर्य है। बजट का गणित विश्वास करने योग्य, अनुमान वास्तविकता पर टिके हैं। वहीं एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा है कि सोने पर सीमा शुल्क में वृद्धि सही दिशा में उठाया गया कदम है। उन्हाेंने कहा कि हमें 5.1 प्रतिशत के राजकोषीय घाटे पर वित्त मंत्री को संदेह का लाभ देना चाहिए। राजकोषीय घाटे का लक्ष्य उचित है।
  • कोटक महिंद्रा समूह के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक उदय कोटक ने कहा कि मुझे लगता है कि देर-सवेर सरकार डीजल के दाम बढ़ाएगी। राजनीतिक मजबूरियों की वजह से सरकार डीजल को पूर्ण रूप से नियंत्रणमुक्त नहीं करेगी। उर्वरक सब्सिडी के साथ ईंधन की कीमतों में भी कुछ कमी देखने को मिलेगी।

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