रविवार, 8 अप्रैल 2012

एजेण्डा सेटिगं की हद ...मोदी नायक भी खलनायक....

 दुनिया के 100 असरदार लोगों की सूची के लिए बहुप्रतिष्ठित टाइम मैगजीन के ऑनलाइन पोल में नरेंद्र मोदी को किसी भी अन्य प्रतिद्वंदी से सबसे ज्यादा 'नेगेटिव' वोट्स मिले। यानी, उन्हें प्रभावशाली मानने वालों की संख्या उन्हें इस सूची से बाहर रखने वालों से काफी कम थी। modi.jpg
मोदी के विरोधियों को इससे मौका मिल गया है। उनका कहना है कि जिस तरह मोदी टाइम से मिली तारीफ को भुनाते रहे हैं, उसी तरह अब उन्हें इस पोल रिजल्ट के नतीजे के बारे में भी लोगों को बताना चाहिए। एनजीओ 'यूथ फॉर रीस्टोरेशन ऑफ डिमॉक्रेसी' ने मोदी पर पॉजिटिव इमेज के लिए पद और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।

टाइम मैगजीन के इस पोल में मोदी एक अज्ञात हैकर ग्रुप और ऐंटि पाइरेसी लॉ के जाने माने चैम्पियन ऐरिक मार्टिन से पिछड़ गए। मोदी को पोल में प्रभावशाली लोगों की सूची में रखने के लिए 2,56,792 वोट मिले जबकि न रखने के लिए 2,66,684 वोट मिले। इसके अलावा, जिन लोगों की लिस्ट लोगों को पोलिंग के लिए दी गई थी, उनमें सबसे ज्यादा निगेटिव वोट मोदी को मिले।

यहां बता दें कि टाइम का यह टॉप 100 पोल इंटरनेट का सबसे ज्यादा असरदार ऑनलाइन पोल है जिसके तहत सबसे ज्यादा प्रभावशाली लोगों को चुना जाता है। टाइम मैगजीन मैनेजमेंट न्यूज में रहने वाले लोगों का चुनाव करता है और फिर लोगों से पूछता है कि वह इनमें से किसे टाइम टॉप 100 में लेना चाहेंगे और किसे इस लिस्ट से बाहर रखना चाहेंगे। पिछले टाइम पोल में सबसे ज्यादा नेगेटिव वोट पाने वालों में हिटलर, सद्दाम हुसैन और ओसामा बिन लादेन जैसी शख्सितें शामिल रही हैं।

हालांकि भारत की ओर से इस लिस्ट में शामिल किए जाने वाले सभी छहों भारतीयों- नीतीश कुमार, सचिन तेंडुलकर, सलमान खान, विद्या बालन और अन्ना हजारे- में मोदी टॉप पर हैं। वोटिंग के फाइनल रिजल्ट्स 17 अप्रैल को आएंगे।

इस एनजीओ के रावेल और देसाई का कहना है कि वे इस जीत को गुजरात के लोगों को समर्पित करते हैं, जिन्हें पेट्रोल के लिए भारत में सबसे ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है।

मोदी ने उन्हें सस्ता पेट्रोल दिलवाने के लिए कुछ नहीं किया है, जबकि अदानी कंपनी समूह को राज्य में सस्ता पेट्रोल मिल रहा है। उनका कहना है कि यह उन पैरंट्स की जीत है जिनके द्वारा चुकाए गए टैक्स का एक बड़ा हिस्सा उन 300 कमांडोज़ पर खर्च होता है जो मोदी की सुरक्षा में दिनरात लगे रहते हैं। जबकि, गुजरात में उनके बच्चों की सुरक्षा की परवाह किसी को नहीं है। राज्य में 16,000 बच्चे गुमशुदा हैं।

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