रविवार, 25 दिसंबर 2011

मेरी पहली रिपोर्ट..........


  भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने जनचेतना यात्रा के समापन के अवसर पर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेसनीत सरकार की साख उसके प्रधानमंत्री थे, पर भ्रष्टाचार के कारण यह साख मिट्टी में मिल गई है।
   दो दिन बाद 22 नवंबर से संसद सत्र शुरू हो रहा है और भाजपा यात्रा के मुद्दे से संसद को भी गरमाने की तैयारी में है इसीलिए सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए राजग के सांसदों की तरफ से विदेश में अवैध खाता व अवैध संपत्ति न होने का घोषणा पत्र देने का एलान कर दिया।
  समापन सभा में आडवाणी के तेवर तो तीखे थे ही, उनके साथ भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली व राजग संयोजक शरद यादव ने भी सरकार पर हल्ला बोला।
  गडकरी ने मनमोहन सिंह को मजबूर व लाचार बताकर उनपर तरस जताया। उन्होंने सोनिया गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार में सिर्फ लक्ष्मी दर्शन चल रहा है। एक नारा सा बन गया है कि जात पर न पात पर सोनिया जी की बात पर देश को लूटो। अरुण जेटली ने कहा इस सरकार की साख तो बची ही नहीं है, नेतृत्व का संकट भी खड़ा हो गया है।
 सुषमा स्वराज ने कहा उन्होंने संसद में प्रधानमंत्री से एक शेर के जरिये सवाल किया था, जिसका जवाब उन्होंने एक बेतुके शेर से दिया था। अब वह प्रधानमंत्री पर एक और शेर पढ़ रही हैं कि मैं बताऊं तेरा काफिला क्यों लुटा, क्योंकि तेरा रहजनों (लुटेरों ) से वास्ता था। 

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