बुधवार, 14 जनवरी 2015

मै पिछले कई रातों से कुछ अनसुलझे सवालों को समझने का प्रयास कर रहा हूँ। अपनो से दूर अपनो के सपनो के लिए मेरे जैसे करोड़ो लोग अपना जीवन गुजारते है। बेघर होना, असहाय होना या महसुस करना, ये सब कुछ परिस्थियाँ है।
अपने से समझौता करना (शायद ही इस धरा पर कोई हो जो इन परिस्थियों से ना गुजरता हो)। आखिर कार्य करते जाना। बिना सोचे सारी उर्जा को तात्कालिक लक्ष्य के लिए समर्पित कर देना। फिर भी उसमें सफलता का ना मिलना।
फिर भी निराश ना होना(कम से कम सबके सम्मुख तो मुस्कुराता चेहरा ही दिखता है)। ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ मेरे साथ है। मै ऐसे कई लोगों का राज़दार रहा हूँ जो कहते है क्या करें यार सब कुछ तो किया लेकिन तकदीर में जो लिखा है वही होगा ना।
हर हार के बाद फिर उसी ऊर्जा और उत्साह के साथ नये कार्य का आरम्भ करना कि इसे तो जीतना ही है...... .यही जीवन है ( सबसे महत्वपूर्ण कि आपकी सफलता आप और आपकी क्षमता से ज्यादा आपके लक्ष्य से जुड़े अन्य कारकों (लोगों) पर निर्भर करती है।
मसलन सरकारों और प्राइवेट सेक्टर को लें। आमतौर पर इस बात से तो हर कोई सहमत होगा कि प्राइवेट सेक्टर ज्यादा सफल है तुलना में सरकारी के। इसका कारण सरकारी नौकरी में आने के बाद ज्यादातर लोग अपने दिमाग को अनुत्पादित कार्यों में लगाते है। वहीं प्राइवेट या अपना कार्य कर रहे लोग हर पल अपने परफार्मेन्स को लेकर सतर्क रहते है। उसे प्रभावित करने वाले हर कड़ी पर बारीकी से नज़र रखते है चाहे वो किसी कि प्राइवेट लाइफ हो या खज़ाना।

अब आप पिछले सात माह माननीय मोदी जी के कार्यकाल को लें। उनपर तरह तरह के आरोप लग रहे है कि मंत्रियो के काम में हस्तक्षेप कर रहे है। किसी भी मंत्रालय या डिपार्टमेंण्ट में चले जाते है। एक तरह का अविश्वास का संकट है। नहीं  आपकी अन्ध आलोचक दृष्टि यहीं धोखा खा जाती है। दरअसल ये परफार्मेन्स का चक्कर है।
मोदी जी को भी पता है कि केवल उनके 18-20 घण्टे कार्य करने से सारी समस्याये ना सुलझने वाली। सभी को पूरी लगन देनी होगी तब जाकर हम देश को 2019 में विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा कर पायेगें। सरकार के साथ जनता को भी अपने अन्दर बदलाव लाना होगा। सब चलता है (पान खाकर पिच्च-पिच्च) से देश नहीं सुधरने वाला। तभी उन्होने अपने स्वच्छता अभियान को इतना हाइप दिया।  अब समय आगया है कि देश के लिए कार्य करें। जी तोड़कर मेहनत के साथ। जो भी कर रहे है बिना हारे। बिना थके चौकन्ने होकर करें.....

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